আহসান হাবীব -এর কবিতা आइकन

0.0.1 by Plabon Apps


Mar 4, 2017

আহসান হাবীব -এর কবিতা के बारे में

Ahsan Habib's poem

তাকে কেন দুদিনেই এমন অচেনা মনে হয় !

সন্ধ্যায় পড়ার ঘরে একা বসতে ভয় পেত। নিজেই নিজের

ছায়া দেখে কেঁপে উঠত। কনিষ্ঠকে সঙ্গী পেলে তবেই নির্ভয়ে

বসত সে পড়ার ঘরে।

আমার সন্তান

যে আমার হাতের মুঠোয়

হাত রেখে তবে

নিশ্চিন্তে এ-পাড়া

ও-পাড়া ঘুরেছে, গেছে মেলায়

এবং নানা প্রশ্নে

ব্যতিব্যস্ত করেছে আমাকে

আজ

তাকে কেন দুদিনেই এমন অচেনা মনে হয় !

नवीनतम संस्करण 0.0.1 में नया क्या है

Last updated on Mar 4, 2017

Minor bug fixes and improvements. Install or update to the newest version to check it out!

अनुवाद लोड हो रहा है...

अतिरिक्त ऐप जानकारी

नवीनतम संस्करण

निवेदन আহসান হাবীব -এর কবিতা अपडेट 0.0.1

Android ज़रूरी है

4.0 and up

अधिक दिखाएं

আহসান হাবীব -এর কবিতা स्क्रीनशॉट

टिप्पणी लोड हो रहा है...
खोज हो रही है...
APKPure की सदस्यता लें
सर्वश्रेष्ठ एंड्रॉइड गेम और ऐप्स के शुरुआती रिलीज, समाचार और गाइड तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बनें।
जी नहीं, धन्यवाद
साइन अप करें
सफलतापूर्वक सब्सक्राइब!
अब आप APKPure की सदस्यता ले रहे हैं।
APKPure की सदस्यता लें
सर्वश्रेष्ठ एंड्रॉइड गेम और ऐप्स के शुरुआती रिलीज, समाचार और गाइड तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बनें।
जी नहीं, धन्यवाद
साइन अप करें
सफलता!
अब आप हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता ले चुके हैं।